नई दिल्ली, 13 अगस्त
अगस्त में मुद्रास्फीति के 2 प्रतिशत से ऊपर और 2.3 प्रतिशत के करीब रहने की संभावना के बीच, अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दरों में कटौती मुश्किल लग रही है। एसबीआई रिसर्च ने बुधवार को यह जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर पहली और दूसरी तिमाही के विकास दर के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाए, तो दिसंबर में दरों में कटौती भी थोड़ी मुश्किल लग रही है।
भारत की सीपीआई मुद्रास्फीति जुलाई में 98 महीने के निचले स्तर 1.55 प्रतिशत पर आ गई, जबकि जून में यह 2.10 प्रतिशत और जुलाई 2024 में 3.60 प्रतिशत थी।
जुलाई के आंकड़े लगातार नौवें महीने गिरावट का संकेत दे रहे हैं और मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण ऐसा हुआ है, जो 78 महीने के निचले स्तर पर है।
जून 2025 की तुलना में जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति में 75 आधार अंकों की गिरावट आई। जुलाई 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी 2019 के बाद सबसे कम -1.76 प्रतिशत है, जब यह -2.24 प्रतिशत थी।
कोर मुद्रास्फीति में भी तेज़ी से गिरावट आई और पिछले 6 महीनों में पहली बार यह 4 प्रतिशत से नीचे (3.94 प्रतिशत पर) रही। सोने की कीमतों को छोड़कर, कोर मुद्रास्फीति जुलाई 2025 में 3 प्रतिशत से कम होकर 2.96 प्रतिशत हो गई, जो रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य कोर सीपीआई से लगभग 100 आधार अंकों कम है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारतीय उद्योग जगत, लगभग 2,500 सूचीबद्ध संस्थाओं ने 5.4 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जबकि EBIDTA में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।