चंडीगढ़, 14 अगस्त
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने आज पंजाब सहकारी समितियां अधिनियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मंत्रिमंडल ने पंजाब सहकारी समितियां अधिनियम, 1961 में संशोधन और कुछ श्रेणियों की सहकारी समितियों के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट को वापस लेने की मंजूरी दी। पंजाब सहकारी समितियां अधिनियम, 1961 के तहत अनिवार्य पंजीकरण के लिए छूट दी गई थी, जो मूल रूप से सहकारी संस्थाओं के विकास को सुचारू बनाने के लिए थी, लेकिन इससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जो संपत्ति के लेन-देन (विशेष रूप से शहरी हाउसिंग सोसायटियों में) को औपचारिक पंजीकरण या स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के भुगतान के बिना होने की अनुमति देती थी।
इससे गैर-पंजीकृत कब्जे, बेनामी लेन-देन और कानूनी रूप से जोखिम भरी अन्य व्यवस्थाओं को बढ़ावा मिला। इसलिए, इस अधिनियम की धारा 37 में संशोधन करके धारा 2 और 3 जोड़ी गई हैं, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार सरकारी गज़ट में अधिसूचना के माध्यम से यह निर्देश दे सकती है कि उप-धारा (1) या इसके किसी भी हिस्से के तहत सहकारी समितियों के ऐसे वर्ग या वर्गों या विशेष व्यवस्थाओं की ऐसी श्रेणियों, जैसा कि अधिसूचना में उल्लेखित हो, को छूट दी जाएगी।