जयपुर, 16 अगस्त
इस साल राजस्थान में मानसून का ज़बरदस्त असर रहा है। 1 जून से 14 अगस्त के बीच, राज्य में 436.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मौसमी औसत 435.6 मिमी से ज़्यादा है, जो आमतौर पर 30 सितंबर तक अपेक्षित एक मील का पत्थर है। इसका मतलब है कि राजस्थान ने निर्धारित समय से डेढ़ महीने पहले ही अपना पूरा मानसूनी कोटा हासिल कर लिया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का अनुमान है कि अनुकूल परिस्थितियाँ बनी रहेंगी और अगस्त के आखिरी दो हफ़्तों में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
मानसून राजस्थान में उम्मीद से लगभग एक हफ़्ता पहले पहुँच गया और इसका असर तुरंत महसूस किया गया। शुरुआत से लेकर अगस्त के पहले हफ़्ते तक, राज्य में लगातार और भारी बारिश हुई। सिर्फ़ जून और जुलाई में ही इस अवधि की औसत बारिश से लगभग दोगुनी बारिश हुई।
हालांकि अगस्त की शुरुआत में मानसून कमज़ोर पड़ गया था, और दूसरे हफ़्ते में इसमें कुछ कमी आई, लेकिन तब तक बारिश मौसमी औसत से ज़्यादा हो चुकी थी।
अकेले अगस्त में ही सिर्फ़ 14 दिनों में 26.4 मिमी बारिश दर्ज की गई - जिससे इस सीज़न की बारिश का आँकड़ा सालाना लक्ष्य से ज़्यादा हो गया। इस साल के मानसून की सबसे ख़ास बात जुलाई में हुई असाधारण बारिश रही। राजस्थान में इस महीने 285 मिमी बारिश दर्ज की गई - जिसने 69 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछला रिकॉर्ड 1956 में 308 मिमी बारिश के साथ बना था।