नई दिल्ली, 21 अगस्त
एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि धोखाधड़ी और क्रिप्टो निवेश मामले में गुरुग्राम में चार ठिकानों पर छापेमारी के दौरान, ईडी ने 42 लाख रुपये वाले 17 बैंक खाते फ्रीज कर दिए और 15 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों की पहचान की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने 19 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गुरुग्राम में चार ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
यह छापेमारी सस्ती दरों पर प्लॉट बेचने और अवैध क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले की चल रही जाँच के सिलसिले में की गई, जिसमें संदीप यादव, मनोज यादव और अन्य लोगों द्वारा जनता को अत्यधिक रिटर्न का वादा करके लुभाया गया था।
तलाशी अभियान में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए, साथ ही आरोपियों से जुड़े 17 बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए।
हरियाणा पुलिस द्वारा संदीप यादव, मनोज यादव और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने जाँच शुरू की।
जाँच से पता चला है कि संदीप यादव, मनोज यादव और मोहन शर्मा अपने अन्य करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर जनता को कम दामों पर ज़मीन बेचने का लालच देकर धोखाधड़ी कर रहे थे।
इन धोखाधड़ी गतिविधियों से अर्जित अपराध की आय को बाद में उनके सहयोगियों की सहायता से चल और अचल संपत्तियों के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश किया गया।
इस मामले में पहले की गई तलाशी में 17 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी ज़ब्त की गई थी।
एक अलग घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े रियल एस्टेट धोखाधड़ी मामले में 28 जुलाई को गुरुग्राम की विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत दर्ज की। लिमिटेड, अमित कत्याल और अन्य पर सैकड़ों निर्दोष प्लॉट खरीदारों से उनकी मेहनत की कमाई हड़पने और अमित कत्याल तथा उनके परिवार के सदस्यों के निजी लाभ के लिए उसका दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।
अदालत ने शिकायत में शामिल सभी आरोपियों को 19 अगस्त को नोटिस जारी किया।
ईडी ने दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा और गुरुग्राम आर्थिक अपराध शाखा की पुलिस शाखाओं द्वारा अमित कत्याल, राजेश कत्याल, कृष रियलटेक और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर और आरोपपत्रों के आधार पर जांच शुरू की।