नई दिल्ली, 25 अगस्त
सोमवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021 और 2025 के बीच भारत का वास्तविक निवेश औसतन 6.9 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ा, जो इसी अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 5.4 प्रतिशत वृद्धि दर से अधिक है।
क्रिसिल की 'निवेश के लिए आगे की राह' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की निवेश दर दशकीय औसत से अधिक रही, जिसे मुख्य रूप से सरकारी और घरेलू खर्च का समर्थन प्राप्त था।
रिपोर्ट में कहा गया है, "वित्त वर्ष 2021-25 के दौरान भारत का वास्तविक निवेश 6.9 प्रतिशत प्रति वर्ष (औसत वास्तविक वृद्धि) बढ़ा, जो 5.4 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर से अधिक है।"
सकल स्थिर पूँजी निर्माण के रूप में मापा गया निवेश, वित्तीय वर्ष 2016 और 2025 के बीच औसत की तुलना में नाममात्र और वास्तविक दोनों ही दृष्टियों से अधिक मज़बूत रहा।
सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) ने इस गति को काफ़ी हद तक आगे बढ़ाया, जिनकी संयुक्त वास्तविक निवेश वृद्धि वित्तीय वर्ष 2022-24 के दौरान औसतन 13.9 प्रतिशत रही।
सबसे बड़े योगदानकर्ता, परिवारों ने भी मज़बूत निवेश गतिविधि देखी, मुख्यतः रियल एस्टेट में, जिसकी वृद्धि दर इसी अवधि में 13.4 प्रतिशत रही।