नई दिल्ली, 28 अगस्त
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संरचना को सरल बनाने की योजना, जिसमें मौजूदा चार-स्लैब वाली जीएसटी प्रणाली को सरल दो-स्लैब संरचना से प्रतिस्थापित किया जाएगा, उपभोक्ताओं को काफी राहत प्रदान करेगी। कम कर दरों से कई प्रकार की वस्तुएँ अधिक किफायती होने की उम्मीद है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने अपने विश्लेषण में कहा है कि इस कदम से भारत के निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) के 11.4 प्रतिशत को सीधे लाभ होगा, जिसमें कर योग्य उपभोग 150-160 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सरकार 12 प्रतिशत स्लैब को 5 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को 18 प्रतिशत पर लाएगी, और वस्तुओं एवं सेवाओं पर प्रभावी जीएसटी दर को 14-15 प्रतिशत तक कम करेगी।
इसका अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के सस्ते होने के रूप में एक व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट का अनुमान है कि कुल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का 8.5 प्रतिशत प्रभावित होगा, जबकि मध्यवर्ती लागत में गिरावट के कारण कोर और थोक मुद्रास्फीति दोनों में कमी आने की संभावना है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के अनुसार, इन दोनों कदमों से ऑटो लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड की माँग में तेज़ी आने की उम्मीद है, साथ ही गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी त्योहारी सीज़न की बढ़ती माँग का लाभ मिलने की उम्मीद है।
बैंक ने कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार तनाव और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियाँ पैदा कर रहे हैं, जीएसटी को तर्कसंगत बनाना उपभोग को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख उपाय है।