क्वेटा, 6 सितंबर
कई मानवाधिकार संगठनों ने शनिवार को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना समर्थित मौत दस्तों द्वारा एक बलूच किशोर की न्यायेतर हत्या की कड़ी निंदा की। ये दस्ते पूरे प्रांत में छात्रों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाते रहते हैं।
इस भयावह घटना की निंदा करते हुए, बलूच वॉयस फॉर जस्टिस (बीवीजे) ने कहा, "बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने, न्यायेतर हत्याओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले और लक्षित हत्याओं की घटनाएं बलूच लोगों के जारी नरसंहार के स्पष्ट संकेत हैं।"
पांक ने कहा, "हाल के महीनों में सैकड़ों लोगों के जबरन गायब किए जाने और दर्जनों हत्याओं को उजागर करने वाली रिपोर्टों में दर्ज ये घटनाएं राज्य प्रायोजित आतंक के एक व्यवस्थित अभियान को रेखांकित करती हैं।"
मानवाधिकार संस्था ने पाकिस्तानी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इन अभियानों को तुरंत बंद करें, इजहार की मौत और उससे संबंधित सभी मामलों की स्वतंत्र जांच करें तथा बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के और अधिक क्षरण को रोकने के लिए अपराधियों को जवाबदेह ठहराएं।