नई दिल्ली, 25 सितंबर
गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अक्टूबर की अपनी समीक्षा में रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखेगी, क्योंकि जीएसटी सुधारों का मांग पर सकारात्मक प्रभाव, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अपेक्षा से अधिक मजबूत जीडीपी वृद्धि और उसके बाद मुद्रास्फीति में वृद्धि की उम्मीद है।
जीएसटी युक्तिकरण (वित्त वर्ष 2026 का औसत अब लगभग 2.6 प्रतिशत) के कारण मुद्रास्फीति का रुख कम रहा।
इसी प्रकार, नए ऋणों के लिए भारित औसत उधार दर में 60 आधार अंकों की गिरावट आई, जबकि बकाया ऋणों के लिए 42 आधार अंकों की कमी आई।
रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी युक्तिकरण से वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही से वित्त वर्ष 2027 की दूसरी तिमाही के दौरान मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में पूर्व अनुमानों की तुलना में 25-50 आधार अंकों की कमी आने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "वित्त वर्ष 2026 के लिए औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति अब लगभग 2.6 प्रतिशत (पहले 3.0 प्रतिशत के मुकाबले) रहने का अनुमान है।"