नई दिल्ली, 29 सितंबर
एक बहुराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण का उच्च स्तर न केवल आपके फेफड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है, बल्कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को भी खराब कर सकता है। इस अध्ययन ने पर्यावरणीय स्वास्थ्य और नींद की दवा के बीच संबंध को और मज़बूत किया है।
हालांकि ओएसए एक आम स्थिति है, लेकिन बहुत से लोगों को इसका एहसास ही नहीं होता कि उन्हें यह है। ओएसए से पीड़ित लोग अक्सर ज़ोर से खर्राटे लेते हैं, रात में उनकी साँसें रुक-रुक कर आती हैं, और वे कई बार जाग सकते हैं।
नीदरलैंड के एम्स्टर्डम में यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी (ईआरएस) कांग्रेस में प्रस्तुत इस अध्ययन से पता चला है कि कुल मिलाकर, पीएम10 (वाहनों के धुएँ और औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा हवा में छोड़े गए 10 माइक्रोमीटर या उससे छोटे छोटे कण) में हर एक इकाई की वृद्धि से मरीजों के एपनिया हाइपोपनिया इंडेक्स (एएचआई) में मामूली लेकिन मापनीय वृद्धि हुई।