नई दिल्ली, 3 अक्टूबर
एक अध्ययन के अनुसार, छोटे शिशुओं में काली खांसी जानलेवा हो सकती है। इस अध्ययन में गर्भावस्था के दौरान माताओं के टीकाकरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
काली खांसी एक अत्यधिक संक्रामक जीवाणुजनित श्वसन संक्रमण है जो गंभीर खांसी के दौरे का कारण बनता है और अक्सर साँस लेते समय तेज़ "हूप" जैसी आवाज़ आती है। यह वयस्कों और बच्चों दोनों में महीनों तक रह सकता है।
शिकागो के एन एंड रॉबर्ट एच. लूरी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ और प्रमुख लेखिका कैटलिन ली ने कहा, "शिशुओं में काली खांसी के लक्षण अलग-अलग होते हैं।"
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में बाल रोग की सहायक प्रोफेसर ली ने कहा, "खांसी की विशिष्ट विशेषता अनुपस्थित हो सकती है, लेकिन श्वासावरोध या सांस लेने में रुकावट आम है।"