नई दिल्ली, 22 अक्टूबर
सरकार ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से लागत कम होगी और लद्दाख के कारीगरों, किसानों और पर्यटन संचालकों के लिए बाज़ार का विस्तार होगा, साथ ही स्थानीय शिल्पकला की रक्षा होगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से प्रामाणिक पश्मीना, हाथ से बुने हुए ऊनी कपड़े, थांगका पेंटिंग, खुबानी और समुद्री हिरन का सींग उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता और सामर्थ्य में वृद्धि होगी।
जीएसटी में कटौती से चांगथांग क्षेत्र से पश्मीना ऊन के निर्यात में वृद्धि हो सकती है, जिससे 10,000 से अधिक खानाबदोश चरवाहों की आजीविका बनी रहेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीएसटी में कटौती से आयातित या मशीन-निर्मित विकल्पों के मुकाबले प्रामाणिक लद्दाखी पश्मीना की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की उम्मीद है।