मुंबई, 24 नवंबर
सोमवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे सक्रिय और सबसे तेज़ी से बढ़ते रियल एस्टेट निजी ऋण बाजारों में से एक बनकर उभरा है। इसने दूसरा स्थान हासिल किया है और 2020 से 2024 के बीच क्षेत्रीय धन उगाहने में 36 प्रतिशत का योगदान दिया है।
नाइट फ्रैंक द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की प्रबंधनाधीन निजी ऋण परिसंपत्तियों में तीव्र वृद्धि देखी गई है, जो 2010 में 0.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 17.8 बिलियन डॉलर हो गई है।
नाइट फ्रैंक को उम्मीद है कि भारत 2028 तक क्षेत्र के अनुमानित 90-110 बिलियन डॉलर के निजी ऋण विस्तार में 20 से 25 प्रतिशत का योगदान देगा, जो निवेशकों की बढ़ती रुचि, नीतिगत सुधारों और गैर-बैंक वित्तपोषण के लिए डेवलपरों की बढ़ती मांग के कारण है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस तीव्र विस्तार को वित्तपोषण पारिस्थितिकी तंत्र में संरचनात्मक बदलावों से समर्थन मिल रहा है।