नई दिल्ली, 11 जुलाई
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) पुणे स्लीपर सेल मामले में 11वें मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है। इस तरह, भारत भर में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी एक मॉड्यूल पर और शिकंजा कसा गया है।
गिरफ्तार आरोपी रिजवान अली, जिसे अबू सलमा और मोला के नाम से भी जाना जाता है, 3 लाख रुपये का इनामी वांछित आतंकवादी था।
एनआईए की विशेष अदालत ने RC-05/2023/NIA/MUM मामले में उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। एनआईए के अनुसार, रिजवान भारत में अराजकता फैलाने की आतंकी संगठन की योजनाओं में गहराई से शामिल था।
एनआईए ने एक बयान में कहा, "आईएस, जिसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, की भारत-विरोधी साजिश के तहत, रिज़वान ने आतंकवादी ठिकानों के रूप में इस्तेमाल के लिए विभिन्न स्थानों की टोह लेने और उनकी रेकी करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।"
मामले में एनआईए की जाँच के अनुसार, वह फायरिंग क्लासेस चलाने और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने का प्रशिक्षण देने में भी शामिल था।
पहले से गिरफ्तार और न्यायिक हिरासत में बंद 10 अन्य आरोपियों के साथ, रिज़वान ने देश को अस्थिर करने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची थी।
रिज़वान अली के अलावा, गिरफ्तार किए गए स्लीपर सेल के अन्य सदस्यों की पहचान मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, अब्दुल कादिर पठान, सिमाब नसीरुद्दीन काज़ी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला, शमील नाचन, आकिफ नाचन, शाहनवाज़ आलम, अब्दुल्ला फैयाज़ शेख और तल्हा खान के रूप में हुई है।
एनआईए ने सभी आरोपियों के खिलाफ यूए (पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया है। रिज़वान की गिरफ्तारी भारत में आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मॉड्यूल को बेअसर करने के अपने अभियान में एनआईए के लिए एक और सफलता है।
एजेंसी ने कहा कि वह भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़कर हिंसा और आतंक के जरिए देश में इस्लामी शासन स्थापित करने की आईएस की साजिश को नाकाम करने के अपने प्रयासों के तहत इस मामले में अपनी जांच जारी रखे हुए है।