मुंबई, 11 जुलाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय ने तलवलकर बेटर वैल्यू फिटनेस लिमिटेड (टीबीवीएफएल) और उसके प्रवर्तकों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की चल रही जाँच के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलाशी अभियान चलाया।
ईडी ने शुक्रवार को यहाँ जारी एक बयान में कहा कि मुंबई, पुणे, गोवा और चेन्नई में 15 स्थानों पर समन्वित तलाशी ली गई।
ईडी की यह कार्रवाई पुलिस अधिकारियों द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई प्राथमिकियों पर आधारित है। टीबीवीएफएल और उसके निदेशकों पर ऋण राशि का दुरुपयोग, खातों में हेराफेरी और कॉर्पोरेट ढांचे का दुरुपयोग करके एक्सिस बैंक और पूर्व लक्ष्मी विलास बैंक के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। ईडी ने बताया कि कथित धोखाधड़ी एक्सिस बैंक (टर्म लोन और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर) से जुड़ी 206.35 करोड़ रुपये और लक्ष्मी विलास बैंक से जुड़ी 180 करोड़ रुपये की है।
ईडी की प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि टीबीवीएफएल ने विक्रेता भुगतान के बहाने टर्म लोन और एनसीडी के माध्यम से जुटाए गए धन का दुरुपयोग करके उन्हें फर्जी संस्थाओं में स्थानांतरित कर दिया। बाद में ये धन प्रवर्तकों से संबंधित कंपनियों को भेज दिया गया। जाँच में रॉयल्टी भुगतान और शेयर सब्सक्रिप्शन प्रीमियम में हेराफेरी को भी धन के विचलन के तंत्र के रूप में उजागर किया गया।
ईडी के अनुसार, तलाशी अभियान के दौरान, आपत्तिजनक दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण और 8 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी ज़ब्त की गई। इसके अलावा, मुंबई, नागपुर और गोवा में स्थित फ्लैट, व्यावसायिक स्थान, विला और बंगलों सहित उच्च मूल्य की संपत्तियों से संबंधित संपत्ति के दस्तावेज़ भी मिले। समूह से जुड़े विदेशी निवेश, जो कथित तौर पर बैंक के धन का दुरुपयोग करके किए गए थे, भी प्रकाश में आए।
ज़ब्त किए गए संपत्ति संबंधी दस्तावेज़ों की कुल कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईडी की जाँच का उद्देश्य धन के लेन-देन की पूरी जानकारी जुटाना और अपराध से प्राप्त धन की वसूली करना है। आगे की जाँच अभी जारी है।