नई दिल्ली, 4 सितंबर
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती करके आम नागरिक को दिवाली का एक बड़ा तोहफा दिया है। उनका कहना है कि इस कदम से न केवल त्योहारी सीज़न में मांग बढ़ेगी, बल्कि हाल ही में अमेरिकी टैरिफ से हुए नुकसान की भरपाई में भी मदद मिलेगी।
सीए प्रवीण साहू ने कहा कि 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय जीएसटी संरचना, जिसमें लगभग 80 प्रतिशत वस्तुएँ 5 प्रतिशत की श्रेणी में आती हैं, आम जनता को काफ़ी लाभ पहुँचाएगी। उनके अनुसार, इस सुधार से क्रय शक्ति बढ़ेगी और उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
अर्थशास्त्री राजीव साहू ने इसे 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे बड़ा कर सुधार बताया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इससे उपभोक्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, खर्च करने को बढ़ावा मिलेगा, उद्योगों को समर्थन मिलेगा और समग्र अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी।
अर्थशास्त्री अजय रोटी ने स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने इसे जनता के लिए अच्छी खबर और एक ऐतिहासिक कदम बताया, जिससे आवश्यक वस्तुओं की लागत कम होने से एमएसएमई को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।