नई दिल्ली, 25 सितंबर
भारत का डिजिटल बुनियादी ढाँचा बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए तैयार है। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की तृतीय-पक्ष डेटा सेंटर (डीसी) क्षमता वित्त वर्ष 2028 तक दोगुनी होकर 2,400-2,500 मेगावाट (मेगावाट) हो जाने की उम्मीद है - जो वित्त वर्ष 2025 में 1,250 मेगावाट थी।
यह अपेक्षित वृद्धि अगले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 2026-वित्त वर्ष 2028) में लगभग 90,000 करोड़ रुपये के मजबूत निवेश से प्रेरित होगी।
यह निकट-अवधि का प्रयास एक बहुत बड़े, दीर्घकालिक दृष्टिकोण का हिस्सा है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "उद्योग जगत के दिग्गजों ने अगले 7-10 वर्षों में कुल 3.0-3.5 गीगावाट क्षमता की विकास योजनाओं की घोषणा की है, जो 2.3-2.5 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह भारत के चल रहे डिजिटल परिवर्तन में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।"