नई दिल्ली, 24 सितंबर
आरबीआई ने बुधवार को जारी अपने सितंबर बुलेटिन में कहा कि ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों से व्यापार सुगमता, खुदरा कीमतों में कमी और उपभोग वृद्धि कारकों में मज़बूती के माध्यम से निरंतर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नया ढाँचा आम आदमी की ज़रूरतों और प्रशासन में आसानी के बीच संतुलन बनाने के लिए तैयार किया गया है। ज़्यादातर ज़रूरी वस्तुओं पर अब शून्य या 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर अमेरिकी व्यापार शुल्क लगाने और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की राजकोषीय स्थिति को लेकर नई चिंताओं के मद्देनज़र वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई है। आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि घरेलू कारकों के कारण, भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान पाँच तिमाहियों की उच्च वृद्धि दर से स्पष्ट रूप से उल्लेखनीय लचीलापन प्रदर्शित किया है।
बुलेटिन में आगे कहा गया है कि अगस्त-सितंबर के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में द्विदिशात्मक गतिविधियाँ देखी गईं।