चंडीगढ़, 3 मई
आम आदमी पार्टी (आप) ने पानी के मुद्दे पर केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारों की एक बार फिर हमला बोला है। आप प्रवक्ता नील गर्ग ने आरोप लगाया कि भाजपा पंजाब पानी के हिस्से का पानी छीनने के लिए लगातार साजिश रच रही है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा जल आवंटन एवं उपयोग के संबंध में किए गए भ्रामक दावों का भी पर्दाफाश किया।
गर्ग ने कहा, "आज हमने भाजपा द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और लोगों को गुमराह करने का एक और बेशर्म प्रयास देखा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने झूठा दावा किया कि हम अपने हिस्से का पानी मांग रहे है, जबकि कहानी बिल्कुल उलट है।
एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित आंकड़ों का हवाला देते हुए नील गर्ग ने बीबीएमबी के जल हिस्से के वास्तविक आंकड़े उजागर किए। जिसमें राजस्थान को 3.398 एमएएफ आवंटित हुए और 3.738 एमएएफ खपत किया यानी 10 प्रतिशत अधिक उपयोग किया। हरियाणा को 2.987 एमएएफ आवंटित हुए और 3.091 एमएएफ खपत हुआ, जो आवंटन से 3 प्रतिशत अधिक है। वहीं पंजाब को 5.512 एमएएफ पानी आवंटित किया गया और खर्च केवल 4.925 एमएएफ किया। पंजाब ने अपने हिस्से का केवल 89 प्रतिशत ही उपयोग किया है।
गर्ग ने कहा, "ये आंकड़े साबित करते हैं कि हरियाणा और राजस्थान दोनों ने पहले ही अपने आवंटित कोटे को पार कर लिया है, जबकि पंजाब ने अपने उचित हिस्से से कम पानी का उपयोग किया है। फिर भी भाजपा पंजाब का पानी छीनने के अपने खतरनाक अभियान को जारी रखे हुए है।"
गर्ग ने संघीय ढांचे संबंधी भाजपा की नई बयानबाजी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि नायब सिंह सैनी संघीय ढांचे की बात कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने लगातार संविधान और डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा परिकल्पित संघीय ढांचे को कमजोर करने का काम किया है। पूरे भारत के लोग जानते हैं कि भाजपा अपने एजेंडे के अनुरूप किस तरह संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ काम कर रही है।
नील गर्ग ने केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारों पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए पंजाब के संसाधनों का दोहन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पंजाब का पानी सिर्फ पानी नहीं है बल्कि यह हमारे किसानों और आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन रेखा है। इसलिए हम किसी को भी पंजाब को रेगिस्तान में बदलने की इजाजत नहीं देंगे।"
गर्ग ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी के दावे हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिए गए बयानों से मेल नहीं खाते। गर्ग ने सवाल किया, "यदि हरियाणा के दावों में दम है, तो उन्होंने अपनी मांगों को मान्य करने के बजाय बैठक में अस्थायी ऋण के रूप में 4,500 क्यूसेक पानी की मांग क्यों की? यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा बताए जा रहे आंकड़े विश्वसनीय नहीं है।
उन्होंने जल संसाधनों के कुप्रबंधन के लिए भी हरियाणा सरकार की आलोचना की और कहा, "हरियाणा ने मार्च तक ही अपना कोटा पूरा कर लिया और अब उसकी नजर पंजाब के हिस्से पर है। जल संसाधनों का इस तरह दुरुपयोग और दोहन जल प्रबंधन में हरियाणा की भाजपा सरकार की विफलता को दर्शाता करता है।"
नील गर्ग ने पंजाब के पानी और राज्य के किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए आम आदमी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि हम पंजाब के पानी का दिनदहाड़े लूट को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा पंजाब के खिलाफ अपनी साजिश बंद करे, नहीं तो यह रवैया उसे बहुत महंगा पड़ेगा।