नई दिल्ली, 5 जुलाई
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत वित्त वर्ष 2025-26 में 1.15 बिलियन टन का रिकॉर्ड कोयला उत्पादन हासिल करने की राह पर है।
केयरएज रेटिंग्स द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, देश का घरेलू कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2025 में 1,047.6 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, जो पिछले पांच वर्षों में 10 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ रहा है।
यह वृद्धि कोयला खनन को अधिक कुशल और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नीति सुधारों की एक श्रृंखला द्वारा संचालित है।
सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, माइन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल, कोयला खनन में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति और कोयला ब्लॉकों की नियमित नीलामी जैसी प्रमुख सरकारी पहलों ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद की है।
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में संशोधन ने भी विनियामक बाधाओं को दूर करने और निजी खिलाड़ियों को आकर्षित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।
कोयला उत्पादन में वृद्धि बिजली क्षेत्र की बढ़ती मांग के जवाब में हुई है, जिसका वित्त वर्ष 25 में कुल कोयला प्रेषण में 82 प्रतिशत हिस्सा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की कुल कोयला खपत वित्त वर्ष 21 में 922.2 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 1,270 मिलियन टन हो गई, जो उद्योगों, घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती जरूरतों के कारण है।
कुल खपत में घरेलू कोयले की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है - वित्त वर्ष 21 में 77.7 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 82.5 प्रतिशत हो गई।