नई दिल्ली, 15 जुलाई
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ द्वारा मंगलवार को जारी नए राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 1.4 करोड़ से ज़्यादा बच्चों को 2024 में किसी भी टीके की एक भी खुराक नहीं मिली।
रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल लगभग 2 करोड़ शिशुओं ने डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (DTP) युक्त टीके की कम से कम एक खुराक नहीं ली, जिससे दशकों की प्रगति पर खतरा मंडरा रहा है।
3 करोड़ से ज़्यादा बच्चे खसरे से भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं, जिसके कारण और भी बड़े या विनाशकारी प्रकोप सामने आ रहे हैं।
2024 में, बड़े या विनाशकारी खसरे के प्रकोप का सामना करने वाले देशों की संख्या तेज़ी से बढ़कर 60 हो गई, जो 2022 के 33 से लगभग दोगुनी है।
रिपोर्ट में टीकाकरण सेवाओं तक सीमित पहुँच, बाधित आपूर्ति, संघर्ष और अस्थिरता, या टीकों के बारे में गलत जानकारी के कारण बच्चों का टीकाकरण न हो पाना या कम टीकाकरण होना बताया गया है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा, "टीके जीवन बचाते हैं, व्यक्तियों, परिवारों, समुदायों, अर्थव्यवस्थाओं और राष्ट्रों को फलने-फूलने का अवसर देते हैं।"
उन्होंने कहा कि छूटी हुई खुराकें "सहायता में भारी कटौती और टीकों की सुरक्षा के बारे में गलत सूचना" के कारण थीं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक बाल टीकाकरण कवरेज स्थिर रहा है और 2023 की तुलना में लगभग 1,71,000 अधिक बच्चों को कम से कम एक टीका लगाया गया है, और दस लाख से अधिक बच्चों ने तीन-खुराक वाली डीटीपी श्रृंखला पूरी की है।