हैदराबाद, 17 जुलाई
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को राहत देते हुए, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मामला रद्द कर दिया।
उच्च न्यायालय, जिसने 20 जून को मुख्यमंत्री की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था, ने गुरुवार को भी यही फैसला सुनाया।
रेवंत रेड्डी, उनके भाई कोंडल रेड्डी और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ 2019 में रज़ोल निर्वाचन क्षेत्र एससी म्यूचुअली एडेड कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड के निदेशक एन. पेड्डी राजू को उनकी जाति के आधार पर कथित रूप से गाली देने का मामला दर्ज किया गया था।
न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य ने इस आधार पर प्राथमिकी (एफआईआर) खारिज कर दी कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई सबूत पेश करने में विफल रहा जिससे आरोपी को घटना से जोड़ा जा सके। न्यायाधीश ने कहा कि मामला आरोपों के आधार पर दर्ज किया गया था और कथित अपराध स्थल पर अभियुक्त की मौजूदगी साबित किए बिना यह दोषसिद्धि का आधार नहीं हो सकता।
यह प्राथमिकी गोपनपल्ली गाँव के सर्वेक्षण संख्या 127 में 31 एकड़ ज़मीन के विवाद से संबंधित है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि रेवंत रेड्डी के भाइयों, ए. कोंडल रेड्डी और ई. लक्ष्मैया ने सांसद रहते हुए रेवंत रेड्डी के प्रोत्साहन से ज़मीन पर अतिक्रमण किया था।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि जाति के आधार पर उनका अपमान किया गया और विवादित स्थल पर स्थित संरचनाओं को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया गया।