नई दिल्ली, 26 जुलाई
विशेषज्ञों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को केंद्रीय बजट 2024 में लाए गए नए आयकर स्लैब और पूंजीगत लाभ कर ढांचे के बारे में पता होना चाहिए।
नए टैक्स स्लैब के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को नई व्यवस्था के तहत पूरी कर छूट मिलती है। यदि आपकी कर योग्य आय 12 लाख रुपये से अधिक है, तो आपकी पूरी आय पर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।
इन स्लैब में शुरुआती 4 लाख रुपये पर शून्य कर, 4 लाख रुपये और 8 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत कर, 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत कर, और 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत कर, इत्यादि शामिल हैं।
इस संशोधन के बाद, पुरानी कर व्यवस्था केवल उन करदाताओं के लिए फायदेमंद होगी जो धारा 24(बी) के तहत गृह ऋण के ब्याज पर 2 लाख रुपये की कटौती या बड़े मकान किराया भत्ते (एचआरए) का दावा करने के पात्र हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ज़्यादातर अन्य कटौतियाँ पुरानी व्यवस्था के साथ बने रहने का औचित्य नहीं रखतीं।
सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर को संशोधित कर 12.5 प्रतिशत (इक्विटी के लिए 10 प्रतिशत से ऊपर) कर दिया गया है। कुछ संपत्तियों, जैसे इक्विटी, पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) कर अब 20 प्रतिशत (15 प्रतिशत से ऊपर) है। एक वर्ष से अधिक समय तक रखी गई सभी सूचीबद्ध वित्तीय संपत्तियों को अब दीर्घकालिक संपत्तियों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।