वाशिंगटन, 15 अक्टूबर
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वार्षिक बैठक में कहा कि पिछले वर्ष अभूतपूर्व वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत ने 8 प्रतिशत से अधिक के अनुमानों के साथ अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है।
अपने संबोधन में, RBI गवर्नर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत मुख्यतः घरेलू अर्थव्यवस्था है और "हालाँकि टैरिफ का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, लेकिन यह बहुत बड़ी चिंता का विषय नहीं है"।
मल्होत्रा ने यह भी बताया कि जहाँ डॉलर में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं भारतीय रुपये में इस वर्ष इतनी गिरावट नहीं आई है, जबकि अधिकांश अन्य मुद्राओं में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, "यह बड़े टैरिफ और पूंजी बहिर्वाह के कारण है। रुपये की व्यवस्थित गति भारत के लिए प्राथमिकता है।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत में पूंजी बाजार काफी मजबूत और मज़बूत हैं।