नई दिल्ली, 11 अगस्त
सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, भारत के दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र, राष्ट्रीय राजस्व और सुरक्षा ढाँचे से संबंधित विभिन्न कारणों से भारत में उद्यमों को प्रत्यक्ष स्पेक्ट्रम आवंटन उचित नहीं है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने अपने बयान में कहा, "हालांकि कुछ उद्योग निकायों ने अपने हितों के लिए अमेरिका, फिनलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन आदि जैसे देशों के साथ तुलना की है, जहाँ निजी नेटवर्क स्थापित किए गए हैं, लेकिन यह तुलना इस महत्वपूर्ण संदर्भगत अंतर को नज़रअंदाज़ करती है कि ऐसे उद्योग दूरस्थ या भौगोलिक रूप से एकांत क्षेत्रों में स्थित हैं जहाँ सार्वजनिक नेटवर्क कवरेज सीमित है।"
COAI के अनुसार, भारत में, हालाँकि, अधिकांश औद्योगिक गलियारे और उद्यम क्षेत्र पहले से ही दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा अच्छी तरह से सेवा प्रदान कर रहे हैं, जिससे कवरेज में कोई कमी नहीं है।
बयान में कहा गया है कि यह कहना भी भ्रामक है कि स्वतंत्र रूप से निजी नेटवर्क स्थापित करना उद्यमों के लिए सस्ता होगा, क्योंकि वास्तव में, निजी 5जी नेटवर्क स्थापित करने के लिए उपकरण, स्पेक्ट्रम प्रबंधन, सुरक्षा, नेटवर्क रखरखाव और कुशल कर्मियों पर महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय करना पड़ता है।