नई दिल्ली, 27 अगस्त
बुधवार को प्रमुख वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ लागू होने के बाद, भारतीय निर्यातक इसके प्रभाव का सामना करने के लिए तैयार हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि ट्रम्प के टैरिफ मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ाकर अमेरिकी जीडीपी को 40-50 आधार अंकों तक प्रभावित कर सकते हैं।
एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ के आपूर्ति-पक्ष प्रभावों और विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के कारण, 2026 तक अमेरिकी मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "अमेरिका में नए मुद्रास्फीति दबाव के संकेत दिखने लगे हैं, जो हाल के टैरिफ और कमजोर डॉलर के प्रभाव से प्रेरित है - विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं जैसे आयात-संवेदनशील क्षेत्रों में।"
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने के अमेरिकी फैसले से मुद्रास्फीति के दबाव और धीमी विकास दर के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ने की संभावना है।
इसमें कहा गया है, "हमारा मानना है कि अमेरिकी टैरिफ से अमेरिकी जीडीपी पर 40-50 आधार अंकों का प्रभाव पड़ेगा तथा इनपुट लागत मुद्रास्फीति बढ़ेगी।"