नई दिल्ली, 26 सितंबर
जीएसटी परिषद अपनी आगामी बैठक में नोटबुक और पाठ्यपुस्तकों पर उलटे शुल्क ढांचे पर विचार कर सकती है, क्योंकि इस मुद्दे के कारण हाल ही में कर कटौती का लाभ कम हो रहा है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट मिलने के बावजूद, नोटबुक और पाठ्यपुस्तकों की कीमतें ऊँची बनी रह सकती हैं, क्योंकि इनके उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कागज़ पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जिसका दावा निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में नहीं कर सकते। मामले से परिचित सूत्रों ने बताया कि इस विसंगति से लागत बढ़ती है और अंतिम कीमतें बढ़ जाती हैं।
उलटा शुल्क ढांचा तब बनता है जब इनपुट सामग्री पर अंतिम उत्पाद की तुलना में अधिक जीएसटी दर लागू होती है। इससे क्रेडिट श्रृंखला टूट जाती है, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट अवरुद्ध हो जाता है और निर्माताओं और उपभोक्ताओं के लिए लागत बढ़ जाती है।