नई दिल्ली, 13 नवंबर
अर्थशास्त्रियों ने गुरुवार को अनुमान लगाया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दिसंबर में होने वाली अपनी आगामी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा में कम से कम एक और रेपो दर में कटौती कर सकता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 0.3 प्रतिशत रह गई, जो सितंबर में 1.4 प्रतिशत थी, जो 2011-12 की आधार श्रृंखला में इसका सबसे निचला स्तर है।
खाद्य और पेय पदार्थों की श्रेणी में निरंतर अपस्फीति और मुख्य मुद्रास्फीति में कुछ कमी के कारण यह गिरावट आई है।
क्रिसिल ने अपने नोट में कहा, "खाद्य मुद्रास्फीति में अपेक्षा से अधिक गिरावट, शेष वित्त वर्ष के लिए अच्छी खाद्य आपूर्ति की उम्मीद, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और आम उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती के लाभों को देखते हुए, हमारा अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2.5 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष के 4.6 प्रतिशत से काफी कम है।"
कई प्रमुख जीएसटी प्रभावित श्रेणियों में अक्टूबर में पूर्ण संचरण नहीं दिखा, जिसका अर्थ है कि नवंबर में भी इसका प्रभाव जारी रहेगा।