नई दिल्ली, 23 जुलाई
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बहस की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा लगातार व्यवधान के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मानसून सत्र, जो अब अपने तीसरे दिन में है, विरोध प्रदर्शनों से ग्रस्त है, जिससे विधायी कार्य ठप हो गया है।
दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो भुवनेश्वर कलिता ने सत्र की अध्यक्षता की और सदस्यों - मोहम्मद एम. अब्दुल्ला (डीएमके) और अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी (वाईएसआरसीपी) - को समुद्री माल ढुलाई विधेयक, 2025 पर बोलने के लिए कहा।
हालांकि, विपक्षी सांसदों द्वारा "वोट चोरी बंद करो", "वोट चोरी नहीं चलेगी" और "तानाशाही नहीं चलेगी" जैसे नारे लगाने से कार्यवाही तुरंत बाधित हो गई, और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी धांधली का आरोप लगाया गया।
कलिता ने व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और सदस्यों से कार्यवाही में बाधा न डालने का आग्रह किया, लेकिन उनकी अपील अनसुनी कर दी गई।
इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एम. थंबीदुरई को बोलने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि विपक्ष के नेता (एलओपी) को पहले सदन को संबोधित करने दिया जाए।
सदन में "श्रीमान वापस लो" के नारे गूंज रहे थे, जो चुनाव आयोग की संशोधन प्रक्रिया का संदर्भ दे रहे थे, जिसके बारे में विपक्ष का दावा है कि इससे कमजोर समुदायों को मताधिकार से वंचित किया जा सकता है।