नई दिल्ली, 5 मई
निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अरुणीश चावला ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान हिस्सेदारी बिक्री के माध्यम से परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करने की व्यापक रणनीति के तहत आईडीबीआई बैंक के लिए सरकार की विनिवेश योजना सामान्य कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही है।
चावला ने एक विशेष साक्षात्कार में बताया, "वैश्विक आर्थिक स्थिति अनिश्चित रहने के बावजूद, स्थिर निष्पादन और दीर्घकालिक मूल्य सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।"
केंद्र और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आईडीबीआई बैंक में संयुक्त रूप से 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है, जिसमें सरकार की 30.48 प्रतिशत और बीमा दिग्गज की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है।
चावला ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में संरचित विनिवेश के माध्यम से नियामक मानदंडों को पूरा करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि एमटीएनएल की भूमि और बुनियादी ढांचे की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के प्रयास जारी हैं और पुष्टि की कि न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक लचीला दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।
चावला ने कहा कि परिसंपत्तियों की बिक्री चरणबद्ध और बाजार-संवेदनशील तरीके से की जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की हिस्सेदारी बिक्री सहित प्रमुख लेन-देन के लिए पहले ही कई बोलियाँ आ चुकी हैं और आईडीबीआई बैंक के लेन-देन पर उचित परिश्रम आगे बढ़ रहा है।