नई दिल्ली, 11 जून
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशंस प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 2,005.90 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक जुटाए हैं।
बुधवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, 165.14 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 12.15 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करके पूंजी जुटाई गई, जिसमें 10 रुपये के अंकित मूल्य पर 155.14 रुपये प्रति शेयर का प्रीमियम शामिल है।
165.14 रुपये का निर्गम मूल्य 173.83 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के फ्लोर प्राइस पर 5 प्रतिशत की छूट दर्शाता है।
इस साल 5 जून को लॉन्च किया गया क्यूआईपी इश्यू 10 जून को बंद हुआ, जिसे घरेलू और विदेशी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के विविध समूह से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिसमें बीमा कंपनियां, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शामिल हैं।
बोर्ड ने बुधवार को आयोजित अपनी बैठक में पात्र क्यूआईबी को इक्विटी शेयर आवंटित करने को मंजूरी दे दी है।
क्यूआईपी इश्यू को 1,500 करोड़ रुपये के बेस इश्यू साइज के मुकाबले 2,005.90 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ ओवरसब्सक्राइब किया गया, जिससे 1.34 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ।
इस सफल इश्यू के माध्यम से जुटाई गई पूंजी इरेडा की टियर-1 पूंजी और समग्र पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) को और मजबूत करेगी, जिससे भारत में विस्तारित अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का समर्थन करने के लिए कंपनी की क्षमता बढ़ेगी।
प्रदीप कुमार दास, अध्यक्ष एवं इरेडा के प्रबंध निदेशक ने कहा: "नवंबर 2023 में हमारे आईपीओ के बाद कम समय में इस क्यूआईपी का सफलतापूर्वक पूरा होना निवेशक समुदाय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इरेडा पर जताए गए भरोसे और विश्वास का प्रमाण है।
"यह पूंजी निवेश हमें अपनी वित्तपोषण गतिविधियों को बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक निवेश करने और भारत के हरित और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की ओर संक्रमण को गति देने में सक्षम बनाएगा।" इरेडा ने वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ में 49 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 337 करोड़ रुपये की तुलना में 502 करोड़ रुपये हो गई है।
देश की सबसे बड़ी शुद्ध ग्रीन फाइनेंसिंग एनबीएफसी ने चौथी तिमाही के दौरान 1,392 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के 1,916 करोड़ रुपये से 37.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
सरकार के स्वामित्व वाली एनबीएफसी की चौथी तिमाही के लिए ऋण मंजूरी में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 47,453 करोड़ रुपये हो गई, जबकि तिमाही के लिए ऋण वितरण 20 प्रतिशत बढ़कर 30,168 करोड़ रुपये हो गया।