नई दिल्ली, 28 जून
स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने, कारोबार को आसान बनाने और देश भर में बायोमास प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाने के लिए, सरकार ने शनिवार को बायोमास कार्यक्रम के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए।
नए मानदंड राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम के चरण-I के तहत जारी किए गए हैं, जो वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए लागू हैं।
नए ढांचे के तहत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने कई प्रक्रियाओं को सरल बनाया है, जैसे कागजी कार्रवाई में कटौती और अनुमोदन आवश्यकताओं को आसान बनाना, जिससे उद्योग विशेष रूप से MSMEs को अपना उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
संशोधन का एक प्रमुख आकर्षण SCADA जैसी महंगी और उच्च तकनीक वाली प्रणालियों के बजाय IoT-आधारित निगरानी समाधानों या तिमाही डेटा सबमिशन के उपयोग को सक्षम करके तकनीकी एकीकरण है।
मंत्रालय ने कहा कि यह लागत प्रभावी कदम डिजिटल निगरानी और जवाबदेही को बढ़ावा देता है, खासकर छोटे व्यवसाय संचालकों के लिए।
दिशा-निर्देश दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताओं के महत्वपूर्ण सरलीकरण को भी प्रोत्साहित करते हैं। ब्रिकेट और पेलेट निर्माण संयंत्रों के डेवलपर्स को अब मंजूरी मामलों से संबंधित कई दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। मंत्रालय के अनुसार, "इस बदलाव से समय की बचत होगी और व्यापार करने में आसानी होगी।"