नई दिल्ली, 28 जून
विदेश व्यापार के संयुक्त महानिदेशक (डीजीएफटी) मोइन अफाक ने शनिवार को कहा कि सरकार अगली पीढ़ी के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रख रही है - जो डिजिटल-प्रथम, लॉजिस्टिक्स-सक्षम और एमएसएमई-समावेशी है।
एमएसएमई ई-कॉमर्स निर्यात के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर यहां इंडिया एसएमई फोरम के 'एमएसएमई डे कॉन्क्लेव 2025' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से प्रेरित हैं और लॉजिस्टिक्स, प्रमाणन और नियामक सहायता के लिए सिंगल-विंडो ज़ोन के रूप में कार्य करेंगे।
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, "पांच पायलट हब पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं और कई और बनने वाले हैं, हमारा लक्ष्य पूरे देश में इस मॉडल को लागू करना है।"
इस कार्यक्रम में डिजिटल परिवर्तन, निर्यात की बेहतर तैयारी और मजबूत व्यापार सुविधा की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया ताकि विश्व मंच पर भारतीय लघु व्यवसायों की वास्तविक क्षमता को उजागर किया जा सके, साथ ही भारतीय एमएसएमई के लिए वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के लिए बाजार पहुंच के अंतर को कम किया जा सके।